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गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने महाराष्ट्र के ठाणे जिले के भिवंडी शहर के एक कॉलेज में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और संबोधन दिया। उन्होंने अपने भाषण में विभिन्न मुद्दों पर विचार व्यक्त किए। भागवत ने कहा कि मतभेदों का सम्मान किया जाना चाहिए और सद्भावना के साथ एकजुटता में ही विकास की कुंजी है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी को दबाने की बजाय सभी को समान अवसर मिलना चाहिए और गणतंत्र दिवस सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को याद करने का अवसर है।
विविधता पर बात करते हुए भागवत ने कहा कि भारत में विविधता को हम जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा मानते हैं, जबकि अन्य देशों में यही विविधता संघर्ष का कारण बन रही है। उन्होंने कहा कि अगर आप जीवन में खुश रहना चाहते हैं, तो आपको एकजुट रहना होगा। यदि एक समुदाय या परिवार में दुख है, तो पूरे समाज में खुशी नहीं हो सकती। इसके अलावा, उन्होंने ज्ञान और समर्पण के साथ कार्य करने के महत्व पर भी जोर दिया।
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